Surah Bakrah Ayat 19 tarjuma aur tafseer

Surah Bakrah Ayat 19 tarjuma aur tafseer सूरह बक़राह आयत 19 का तर्जुमा और तफसीर तआरुफ़ सूरह अल-बकरा की आयत 19 में अल्लाह ने गुमराही और हिदायत की एक बेमिसाल मिसाल दी है। यह आयत उन मुनाफिकों के हालात को बयान करती है जो इस्लाम को दिल से कबूल नहीं करते। आयत में बारिश, अंधेरा, गरज और बिजली के ज़रिए इंसानी जज़्बात और हालात की मिसाल दी गई है। पिछले ब्लॉग में हमने 1 से 7 और फिर 8 से 18 का तर्जुमा और तफसीर पेश की थी अब इस ब्लॉग में हम सूरह Surah Bakrah Ayat 19 tarjuma aur tafseer सूरह बक़राह आयत 19 का तर्जुमा और तफसीर का हर पहलू समझने की कोशिश करेंगे और इसका असर आज के दौर पर देखेंगे। सूरह अल-बकरा आयत 19 और उसका तर्जुमा Surah Al Bakrah Ayat 19 tarjuma aur tafseer بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ أَوْ كَصَيِّبٍۢ مِّنَ ٱلسَّمَآءِ فِيهِ ظُلُمَـٰتٌۭ وَرَعْدٌۭ وَبَرْقٌۭ يَجْعَلُونَ أَصَـٰبِعَهُمْ فِىٓ ءَاذَانِهِم مِّنَ ٱلصَّوَٰعِقِ حَذَرَ ٱلْمَوْتِ ۚ وَٱللَّهُ مُحِيطٌۢ بِٱلْكَـٰفِرِينَ ١٩ तर्जुमा : जैसे आसमान से उतरता पा...