सूरह बकराह का तआरूफ, मकाम ए नुजूल । Surah Bakrah Ka taaruf , Makame Nujul

सूरह बकराह का तआरूफ, मकाम ए नुजूल । Surah Bakrah Ka taaruf , Makame Nujul سورة البقرة Surah Bakrah Ka taaruf मकाम ए नुजूल हज़रत अब्दुल्ला बिन अब्बास رضی اللہ عنہ के फरमान के मुताबिक मदीना मुनव्वरा में सबसे पहले यही सूरह बकराह नाजिल हुई । (इससे मुराद है कि जिस सुरत की आयात सबसे पहले नाजिल हुई ।) आयात, कलिमात और हुरूफ की तादाद । इस सूरत में 40 रुकु, 286 आयते, 6121 कलिमात और 25500 हुरूफ है । बकराह नाम रखे जाने की वजह । अरबी में गाय को बकराह कहते हैं और इस सूरत के आठवें और नवें रुकु की आयत नंबर 67 से 73 में बनी इसरायल की एक गाय का वाकिया बयान किया गया है, उसकी मुनासीबत से इसे सूरह बकराह कहते हैं । Surah Bakrah Ka taaruf सूरह बकराह के फजाइल। अहादिस में सूरत के बेशुमार फजाइल बयान किए गए हैं इनमें से पांच फजाइल दर्जे जेल हैं- 1. हजरत अबू उमामा बाहमी رضی اللہ عنہ से रिवायत है नबी करीम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फरमाया कुरआन ए पाक की तिलावत किया करो क्योंकि वो कयामत के दिन अपनी तिलावत करने वालों की शफाएत करेगा और दो रोशन सूरते यानी सूरह बकराह और सूरह आले इमरान प...